क्या है इसका महत्व शादी से लेकर गृह प्रवेश तक जैसे सारे मांगलिक काम आज से शुरु हो जाएंगे.
आज देवउठनी एकादशी यानी देव प्रबोधिनी एकादशी मनाई जा रही है. माना जाता है कि इस दिन भगवान विष्णु चार माह की लंबी निद्रा के बाद जागते हैं और इसके साथ ही सारे शुभ मुहूर्त खुल जाते हैं. शादी से लेकर गृह प्रवेश तक जैसे सारे मांगलिक काम आज से शुरु हो जाएंगे. आज के दिन भगवान विष्णु के स्वरूप शालिग्राम का विवाह तुलसी से कराया जाता है I
तुलसी विवाह की कथा
तुलसी विवाह की मान्यता और इसके पीछे की कथा बहुत महत्वपूर्ण है. हिंदू धर्मग्रन्थों के अनुसार, वृंदा नाम की एक कन्या थी. वृंदा का विवाह समुद्र मंथन से उत्पन्न हुए जलंधर नाम के राक्षस से कर दिया गया. वृंदा भगवान विष्णु की भक्त थी और एक पतिव्रता स्त्री भी थी जिसके कारण उसका पति जलंधर और भी शक्तिशाली हो गया.
यहां तक कि देवों के देव महादेव भी जलंधर को पराजित नहीं कर पा रहे थे. भगवान शिव समेत देवताओं ने जलंधर का नाश करने के लिए भगवान विष्णु से प्रार्थना की. भगवान विष्णु ने जलंधर को मारा और वो शालिग्राम बने! वृंदा ने तुलसी का रूप लिया I