अजनबी

एक बार एक अजनबी किसी के घर गया । वह अंदर गया और मेहमान कक्ष में बैठ गया । वह खाली हाथ आया था तो उसने सोचा कि कुछ उपहार देना अच्छा रहेगा ।


उसने वहाँ टंगी एक पेन्टिंग उतारीऔर जब घर का मालिक आया । उसने पेन्टिंग देते हुए कहा, यह मैआपके लिए लाया हूँ । घर का मालिक, जिसे पता था कि यह मेरी चीज मुझे ही भेंट दे रहा है, सन्न रह गया ।


अब आप ही बताएँ कि क्या वह भेंट पा कर, जो कि पहले से ही उसका है, उस आदमी को खुश
होना चाहिए ?


मेरे ख्याल से नहीं । लेकिन यही चीज हम भगवान के साथ भी करते हैं । हम उन्हें रूपया, पैसा चढाते हैं और हर चीज जो उनकी ही बनाई है, उन्हें भेंट करते हैं । लेकिन मन 
में भाव रखते है की यह चीज मै भगवान को दे रहा हूँ और सोचते हैं कि ईश्वर खुश हो जाएगें। 


मूर्ख हैं हम । हम यह नहीं समझते कि उनको इन सब चीज़ों की कोई जरुरत नहीं । अगर आप सच में उन्हें कुछ देना चाहते हैं तो अपनी श्रद्धा दीजिए, उन्हें अपने हर एक श्वांस में याद कीजिये और विश्वास कीजिए, प्रभु जरुर खुश होगें ।


अजब हैरान हूँ भगवन्,
तुझे कैसे रिझाऊं मैं ।
कोई वस्तु नहीं ऐसी,
जिसे तुझ पर चढाऊं मैं ।


भगवान ने जवाब दिया : संसार की हर वस्तु तुझे मैनें दी है । तेरे पास अपनी चीज़ सिर्फ़ तेरा अहंकार है, जो मैनें नहीं दिया। उसी को तू मेरे अरपण कर दे। तेरा जीवन सफल हो जायेगा ।


 


  *🌸🌺🙏नमस्कार🙏🌺🌸*