दो संत और एक वाहन चालक की जिस निर्ममता से हत्या हुई है वह बेहद ही निंदनीय है। साथ ही पुलिस कर्मियों द्वारा इस नरसंहार को मूक बनकर देखना खाकी को दागदार करता है।
महाराष्ट्र। दिनांक 16 अप्रैल 2020 को महाराष्ट्र के पालघर में पुलिस की उपस्थिति में जूना अखाडा के 2 संत जिनका नाम कल्पवृक्ष गिरि, सुषील गिरि सहित उनके ड्राइवर की लोगो ने घेरकर हत्या कर दी। इस शर्मसार घटना ने कई सवाल भी खडे किये है जैसे -
1. लाॅकडाउन में 200 लोगों की भीड कैसे इकट्ठी हो गई?
2. संतो द्वारा पुलिस को फोन करके बुलाया गया या पुलिस ने उन्हें रोका था?
3. पुलिस द्वारा संतो को निकाल कर भीड़ को क्यों सौप दिया गया?
4. जब भीड संतो को मार रही थी और संत बचाव के लिए पुलिस के पास भाग रहे थे तब पुलिस वाले उनका हाथ छुडाकर क्यों भाग रहे थे?
5. पुलिस ने संतो को बचाने के लिए हवाई फायर या बल प्रयोग क्यों नहीं किया?
6. संतो को मारने वाले लोग कौन है और उनकी पृष्ठभूमि क्या है?
7. उन संतो की हत्या के पीछे उनका भगवा वस्त्र और संत होना तो कारण नहीं है?
8. मृत्यु के बाद संतो ंके षव को अत्यंत निरादर के साथ बिना ढके हुए धूल भरी ट्राली में रखकर क्यों लाया गया?
9. क्या मुम्बई से मात्र पचास-साठ किलोमीटर की दूरी पर स्थित पालघर में कोई एम्बुलेंस नहीं है?
ये कुछ सवाल है जो सभी के मन में उठ रहे है ये गलतफहमी के चलते हत्या है या जानबूझ को घटना को अंजाम दिया गया है।