फ्लोर टेस्ट में कभी फेल नहीं हुई यहां सरकार, इस बार इतिहास बदलने के संकेत

01 मई 1960 को अस्तित्व में आए महाराष्ट्र राज्य में अब तक 14 बार विधानसभा चुनाव हो चुके हैं और 18 नेता मुख्यमंत्री बन चुके हैं। महाराष्ट्र की राजनीति का इतिहास देखें तो अभी तक एक भी सरकार फ्लोर टेस्ट में फैल होने के कारण नहीं गिरी है। लेकिन, इस बार जो स्थितियां बन रही हैं, उसे देखकर लग रहा है कि शायद इस बार यह इतिहास बदल सकता है।


महाराष्ट्र में शनिवार को बड़ा सियासी उलटफेर हुआ था। भाजपा के देवेंद्र फडणवीस ने दोबारा मुख्यमंत्री पद की शपथ ली थी। उनके साथ राकांपा नेता और शरद पवार के भतीजे अजित पवार ने डिप्टी सीएम पद की शपथ ली थी। उन्हें 30 नवंबर को अपना बहुमत साबित करना है। सुबह 8 बजे हुए शपथ ग्रहण कार्यक्रम के बाद दोपहर में शिवसेना और राकांपा ने दोपहर में प्रेस कॉन्फ्रेंस की। राकांपा प्रमुख शरद पवार ने कहा कि हमारे किसी विधायक ने भाजपा को समर्थन नहीं दिया है। राजभवन गए राकांपा विधायकों को भी पता नहीं था कि अजित पवार उपमुख्यमंत्री बन जाएंगे।


शरद पवार के इस बयान के बाद महाराष्ट्र का राजनीतिक परिवेश एकदम बदल गया। शाम को हुई राकांपा की बैठक में पार्टी के 54 में से 44 विधायक शरद पवार के पास पहुंच गए थे। भाजपा के पास 105 विधायक हैं और बहुमत के लिए उसे 145 विधायकों की जरूरत है। अगर शरद पवार की पार्टी के विधायकों में फूट नहीं हुई तो 30 नवंबर को विधानसभा में फ्लोर टेस्ट पास करना देवेंद्र फडणवीस के लिए कठिन हो जाएगा।